हाय दोस्तों मेरा नाम समां हे और में मुंबई में रहती हूँ. में अकेली ही रहती हूँ क्युकी में पली बढ़ी हु एक अनाथालय में. अब मेरी उम्र २४ साल हे में एक कम्पनी में झोब करती हूँ. दोस्तों में जब ये घर किराए पे लेकर यहाँ आई तो किसी को नहीं जानती थी लेकिन अब तो मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी हे सबके साथ. और सबसे अच्छी दोस्ती तो हुई थी समद के साथ जो ठीक मेरे घर के बगल वाले घर में रहता था. वो भी घर में अकेला ही था क्युकी वो भी मेरी तरह ही एक अनाथालय में पला बढ़ा था तो हम दोनों का अच्छा मेल झोल रहता था.हम दोनों एक दुसरे की परेशानिया अच्छे से समज लेते थे. धीरे धीरे करके हम दोनों इतने करीब आ गए की अब तो में उसके घर रह लेती थी या वो मेरे घर आ जाता था. हम दोनों अब एक दुसरे के बिना नहीं रेह सकते थे. तो हम दोनों ने तय किया की ये तो प्यार हे की हम दोनों को एक दुसरे से झुड़ता ही जा रहा हे हमें एक दुसरे को प्रपोज किया हम दोनों ने ही स्वीकार भी किया. यु तो हमें कोई रोकने टोकने वाला नहीं था और नाही हम दोनों को किसी का डर था. अब हम दोनों साथ साथ ही घूमते थे कही भी जाते साथ साथ ही रहते थे. क्या करे दिलको चेन ह...
दोस्तों मेरा नाम अनिकेत सिंह हैं और मैं लुधियाना का रहनेवाला हूँ. वैसे मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढाई के लिए पिछले २ सालों से दिल्ली में ही हूँ. और आज की यह हिंदी सेक्स स्टोरी भी दिल्ली में हुए एक सच्चे और हॉट हादसे की ही हैं. आज मैं आप को बताऊंगा की कैसे मैं दोपहर को एक भाभी को चोदा था वो भी छत के ऊपर. उस भाभी का नाम कुलवंत कौर था और वो मेरे मकानमालिक बिट्टू सिंह की बहु थी. उसका पति दलेर काफी सालों से लंदन में था और उस भाभी की हरियाली चूत को सुखा करने के लिए उसे पीछे छोड़ के गया था वो. भाभी कलवंत के रूप के बारे में बताऊ तो वो एक २५ साल के करीब की हॉट औरत हैं. उसके फिगर का नाप कुछ ३२-३०-३४ का होगा. उसकी गांड देखने से बनती हैं और आँखे भी शराब की प्याली के जैसी हैं उसकी. दलेर सिंह पैसे कमा रहा था लेकिन इस यौवन के प्याले को पीछे छोड़ के गया था मेरे जैसे सेक्स पारखू के लिए. पहले दिन से ही मेरा दिमाग इस भाभी की चूत के गुलाबजामुन को खाने के लिए मचल रहा था. लेकिन बुढा बिट्टू सिंह डेढ़साना था. वो जानता था की दिल्ली में इंजीनियरिंग करने वाले लौंडे कितने खतरनाक होते हैं. वो कभी भी भाभी को मेर...