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बस में मिली आंटी के साथ सेक्स




हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल है, मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ और रोज इसकी स्टोरी पढ़ता हूँ। फिर मैंने सोचा कि में भी अपनी स्टोरी लिखूँ। यह स्टोरी करीब 2 साल पहले घटी एक हक़ीकत हैं। में एक दिन कुछ काम से उरण गया था, काम निपटने में रात के 10 बजे गये थे और काम निपटाकर में घर जाने के लिए बस स्टॉप पर खड़ा था और मुझे थाने के लिए बस पकड़नी थी। अब एक घंटा होने में आया था, लेकिन बस नहीं आई तो उतने में मेरी नज़र एक आंटी पर पड़ी, वह फोन पर किसी के साथ बात कर रही थी तो मैंने सुना कि उन्हें भी थाने की बस पकड़नी है। फिर वह मेरे सामने से होकर थोड़ा आगे जाकर खड़ी हो गयी, उन्होंने काले रंग की साड़ी पहनी थी और उनके गले में मंगलसूत्र भी था, उनका फिगर 38-26-38 कुछ था और उनका रंग भी गोरा था। फिर में जाकर उनकी बगल में खड़ा हो गया, वो भी मेरी तरह बस के लिए परेशान थी। फिर में बोला छी यार इस बस ने भी परेशान कर दिया, एक घंटे से खड़ा हूँ और अभी तक बस नहीं आ रही है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? तो मैंने कहा कि थाने, तो वो बोली कि मुझे भी थाने जाना है। फिर में उनको बोलकर बस की पूछताछ करने गया। फिर वापस आकर उनकी साईड में खड़ा हो गया। अब हम दोनों में बातचीत चालू हो गयी थी और फिर थोड़ी देर में बस भी आ गयी, अब में उनकी साईड में ही बैठ गया। अब हम दोनों का टिकट मैंने ही लिया, अब सबको लग रहा था कि हम साथ में है, इसलिए किसी ने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। अब टिकट बुकिंग होने के बाद बस की लाईट बंद हो गयी थी और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने धीरे-धीरे उनके हाथ को टच किया और हाथ वैसे ही रखा, तो आंटी भी मुझसे थोड़ा चिपक कर बैठ गयी। अभी तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था। फिर मैंने आंटी के हाथ पर अपना हाथ रखा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को सहलाने लगी। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम रजनी बताया। फिर मैंने मेरा हाथ निकाला और उनके कंधे से होकर उनके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे बूब्स दबाने लगा। फिर उन्होंने मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया और अपना एक हाथ मेरे लंड पर रखकर उसे सहलाने लगी। जब रात के 11 बजे का टाईम था तो बस में ज़्यादा भीड़ भी नहीं थी। मैंने अपनी पेंट की चैन को खोला तो आंटी मेरा लंड हिलाने लगी। फिर मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए और बूब्स दबाने लगा। फिर मैंने किसिंग चालू कर दी, तो अब आंटी ने भी मेरा साथ दिया। फिर मैंने एक किस लिया और उनकी जुबान से अपनी जुबान लगाकर चाटने लगा और अपने हाथ से बूब्स भी दबा रहा था। फिर मैंने उनसे सर खिड़की पर और पैर सीट के ऊपर रखने को बोला और उनकी साड़ी ऊपर करके उनकी पेंटी निकालकर उनके हाथ में दी और उनकी चूत में उंगली डाल दी और आराम-आराम से हिलाने लगा। फिर उन्होंने भी मौन करना चालू कर दिया। फिर मैंने उनको बस ध्यान देने को बोला और अपना मुँह चूत के पास ले जाकर धीरे-धीरे चूसना चालू कर दिया। अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था और अब चूसते-चूसते उनकी चूत से पानी निकलने लगा था तो वह सब मैंने अपने मुँह में भर लिया और उनको किस करने लगा। फिर मैंने अपने मुँह का पानी उनके मुँह में डालकर उन्हें टेस्ट करवाया। फिर मैंने उनके बूब्स को दबाना चालू कर दिया। अब वो भी मेरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर ऐसा लगभग 20 मिनट तक चला, अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उनसे बोला, तो उन्होंने बोला कि कुछ नहीं निकलने दो और 2 मिनट में ही मेरा पानी निकल गया और उन्होंने मेरा पूरा पानी पी लिया। फिर कुछ ही टाईम के बाद स्टॉप आया और हम बस से उतर गये। अब में घर जाने वाला था तो इतने में आंटी बोली कि मेरे घर चलो, मेरे घर पर मेरी सास अकेली है, में पहले अंदर जाती हूँ और तुम बाहर ही रूको। फिर में थोड़ी देर के बाद वापस आकर दरवाजा खोलती हूँ और तुम अंदर चले आना और ऐसे ही हुआ। फिर वह मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और रूम का दरवाजा बंद करके मेरे बगल में आकर बैठी। फिर मैंने उनको बेड पर सुलाया और उनको किस करने लगा, कभी गाल पर, कभी लिप पर। फिर मैंने धीरे-धीरे उनका ब्लाउज निकाला और उनके बूब्स चूसने लगा और एक हाथ उनकी पेंटी में डालकर उंगली करना चालू कर दिया। अब आंटी के मुँह से आअहह हहुउ हूउ आअहह निकलना चालू हो गया था। फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से उनकी साड़ी निकाल दी। फिर में अपना मुँह उनकी चूत पर ले जाकर चूत चाटने लगा और अपनी पूरी जुबान उनकी चूत में डालकर बड़ी ज़ोर से चूसने लगा। अब आंटी पागल होकर बोली ओह माई डियर मेरा पति तो कुछ भी नहीं करता, ओह मेरे बाप की उम्र का है, तुझे जैसा चाहिए वैसा कर आज से में तेरी हो गयी, तुझे जो चाहिए वो दूँगी। अब में बहुत खुश हो गया था। फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूत को चाटना चालू कर दिया। अब उनका पानी निकलने वाला था और उन्होंने बताया भी नहीं और पूरा का पूरा पानी में पी गया। फिर आंटी ने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर उसे चाटना चालू कर दिया। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब आंटी ने चूस-चूसकर उसका साईज़ 5 इंच कर दिया था। फिर उन्होंने मेरा लंड उनकी चूत में डालकर मुझसे बोली कि फाड़ डाल इसे। उन्होंने काफ़ी टाईम से सेक्स नहीं किया था तो लंड को अन्दर जाने में तकलीफ़ हो रही थी। फिर मैंने थोड़ा तेल उनकी चूत में और गांड में डाल दिया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगाया और चोदने लगा। फिर धीरे से आधा लंड अंदर डालकर एक ज़ोर का झटका दिया तो वो इतने में ज़ोर से चिल्लाई कि कोई सुन न ले। फिर मैंने धीरे-धीरे करके अंदर बाहर करना चालू कर दिया तो वो हुउऊुऊऊउउउ हाआअआया आआ आराम से डार्लिंग बोलने लगी। अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और वो आआअशजफफ्फ करके चिल्लाने लगी। फिर मैंने करीब 25 मिनट तक उसे चोदा और मेरा निकल गया। फिर मैंने उस पूरी रात में आंटी को तीन बार चोदा ।।

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