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तुम्हे आज रात मेरी प्यास बुझानी होगी



हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोहित है, मै एक स्टूडेंट हूँ, मेरी उम्र २० साल है, मैं दिखने में भी स्मार्ट हूँ, और मेरे लंड का साइज़ ८ इंच लम्बा है. मैं सेक्स स्टोरीज का नियमित पाठक हूँ, और आज पहली बार मैं अपने पहले सुहागरात की कहानी बताने जा रहा हूँ. यह बात दो साल पहले की है, तब जनवरी का महिना था मेरे चाचा को बिज़नस के काम से शहर से दूर कई बाहर जाना पड़ा था, तब उनके घर पे चाची के अलावा कोई भी नहीं था तो उन्होंने पापा से कहा की रात में सोने के लिए मुझे चाची के पास भेज दे ताकि चाची को कोई प्रॉब्लम न हो. मेरी चाची दिखने में अच्छी है, उनकी गांड बड़ी मस्त है जब भी कभी वो सूट में होती है और मेरे सामने चलती है, तब बस मन करता है की अभी चोद दू उनको. पर मैंने कभी इस बात को जयादा सीरियसली नहीं लिया. मैं करीब रात को १० बजे उनके घर पंहुचा तो जाकर देखा चाची नाईट गाउन में बेड पर बैठी हुई थी. मुझे देख कर चाची ने कहा- तू आ गया बेटा चल पहले खाना खा लेते है. फिर तू मेरे पास ही सो जाना बेड पर, ड्राइंग रूम में तू अकेला कैसे सोयेगा. तो मैंने कहा- ठीक है चाची. हम दोनों ने खाना खाया और फिर सोने चले गए, रात को मेरी आँख अचानक खुल गयी तो मुझे महसूस हुआ की चाची के चुचे मेरे फेस के बिलकुल सामने थे, मेरा मन मचलने लगा था पर मैंने कण्ट्रोल कर लिया. मै उठा और वाशरूम जाकर आया, मैं वापिस आ कर सो गया. थोड़ी देर में आँख फिर खुली तो मैंने महसूस किया कि चाची के होठ मेरे होठो के बिलकुल सामने है. अब मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था, मैंने अपने होठ चाची के होठो पर रख दिए. अब मैं उनके होठ चूस रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी, तभी वो उठ गयी और उठ कर लाइट खोल दी, मैं डर गया की चाची को यह सब बुरा तो नहीं लगा, कही उन्होंने किसी को बता दिया तो क्या होगा. तभी चाची बोली की- तू यह क्या कर रहा था? मैंने कहा कि – चाची मुझ से गलती हो गयी है प्लीज आप यह बात किसी को मत बताना. तभी चाची धीरे से मेरे पास आई और मेरे होठो को चूसने लगी और एक किस करने के बाद बोली की किसी को नहीं बतायुंगी, पर उसके बदले तू आज रात मेरी प्यास बुझा दे. मुझे समझ आ गया की चाची मुझ से चुदना चाहती है. मैंने कहा की चाची आपको चाचा नहीं चोदते क्या तो वो बोली की तेरे चाचा तो महीने में एक बार ही करते है. और उसमें भी जल्दी झड जाते है, तू आज मुझे थोडा प्यार दे दे न. यह बात सुन के मैंने कहा ठीक है चाची आज आपके साथ मैं अच्छे से सुहागरात मनाऊंगा. तभी वो मुझे किस करने लगी, मैंने उन्हें रोक कर कहा की आप जायो पहले कपडे चेंज कर के आयो. तब वो बोली सिर्फ गाउन में ही तो हूँ, और क्या चेंज कर के आयु. तो मैं बोला की आप जाकर ब्रा और पेंटी पहन के आयो, आज अच्छे से सुहागरात मनाएंगे. यह बात सुन कर वो हसने लगी और चली गयी ५ मिनट के बाद वो ब्लैक कलर की ब्रा और पेंटी पहन कर और वाइट कलर की सारी पहन कर रूम में आ गयी, मैं तो उन्हें देख कर पागल ही हो गया, क्या लग रही थी वो चुचु बड़े- बड़े और ब्रा फाड़ कर बहार आने के लिए बेताब थे. मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया और किस करने लगा और किस करते- करते उन्होंने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया और मेरे चुतड को छेड़ने लगी. तो बदले में मैंने भी उनकी पेंटी में हाथ डाल के उनकी गांड के ऊँगली करने लगा. ५ मिनट ऐसे ही चलते रहा फिर मुझे ठंड लगने लगी तो मैंने जल्दी से उनकी साड़ी उतर दी और अब हम रजाई में घुस गए और धीरे धीरे हम दोनों ने सारे कपडे उतार दिए. मेरा लंड तो अब तक तम्बु बन चूका था और अब मैं उनकी गांड में उंगली करने लगा. फिर वो बोली कि अब रहा नहीं जाता जल्दी अपना लंड डाल दो इस चूत में. मैंने उन्हें लिटाया और उनके ऊपर आ गया और अपना लंड उनकी चूत पे रख दिया जैसे ही मेरा ८ इंच का लंड चूत में आधा गया, वो तड़प उठी और आवाज़े निकलने लगी आह…. मर गयी…. मर गयी मर जायुंगी, इसे बाहर निकाल. मैंने जोश में कुछ नहीं सुना और धक्के मारने शुरू कर दिए, और धीरे धीरे उन्हें भी मज़ा आने लगा, आःह्ह्ह आआअह्ह्ह…. बेटा छोड़ दे…. छोड़ दे अपनी चाची को आःह्ह…. आह्ह्ह…. बस बोले जा रही थी वो… १५ मिनट चुदाई के बाद मैंने चाची से पुछा कहा निकालू तो बोली अंदर ही डाल दे, वो पहले ही झड चुकी थी. मैंने चूत के अंदर ही छोड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया, थोड़ी देर में वो उठी और मुझे लेट कर मेरे ऊपर आ गयी और मेरा लंड चूसने लगी. शायद चाची चाचा का सिर्फ लंड चुस्ती थी क्यूंकि वो बहुत अच्छे से चूस रही थी. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. और अब वो खुद मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी. अब मेरा लंड उनकी गांड में था. शायद चची ने अपनी गांड बहुत मरवाई होगी क्यूंकि उन्हें अपनी गांड में लेने में ज़यादा प्रॉब्लम नहीं हुई. अब वो बहुत धीरे धीरे ऊपर निचे होने लगी, काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा, फिर मुझे जोश आ गया और मैंने उन्हें गोद में वैसे ही उठाया और उल्टा कर दिया. अब वो घोड़ी के जैसे पोजीशन में थी और मेरा लंड उनकी गांड में था. मै धक्के लगाने लगा और चाची अवाज़े निकलने लगी उफ्फ्फ…. उफ्फ्फ्फ़… आह्ह…. आह्ह…. मारो… और जोर से… चोदो…. मुझे… काफी देर गांड मरने के बाद झड़ने वाला था, मैंने लंड को बाहर निकला और उनके चुतड पर ही सारा का सारा स्पर्म गिरा दिया और चाची ने वो सारा अपनी ऊँगली से चाट चाट कर साफ़ कर दिया. अभी रात के सिर्फ ३ बजे थे, चाची और मैं बाथरूम में चले गए खुद को साफ़ करने के लिए, उन्होंने अपने हाथो से मेरे लंड को साफ़ किया और हम वापिस आकर लेट गए. थोड़ी देर में मैं उठा तो देखा चाची सो चुकी थी. मैं रजाई में घुस गया और उनकी चूत चाटने लगा और काटने लगा. वो जाग गयी और मेरा साथ देने लगी. मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत में देने लगी और थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उनकी चुदाई शुरू कर दी. ऐसे ही उस रात को कई बार चुदाई की हमने और उस रात के बाद हम ने जब भी मौका मिलता हम चुदाई जरुर करते. प्लीज जरुर बताइयेगा आपको कैसा लगी मेरी यह कहानी

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